योगासनों के कुछ नियम
योगासनों के लाभ तो आपने अनगिनत पढ़ें होंगे, परंतु ये सभी लाभ तभी होंगे जब आप विधि पूर्वक आसनों का अभ्यास करेंगे, वरना फिर बस ये कुछ हद तक ही लाभ करेंगे बल्कि अगर आपने कुछ कठिन आसन बिना विधि विधान के करे तोह उनसे अनेकों रोग भी उत्पन्न हो सकते हैं या आपके शरीर को कोई न कोई हानि अवश्य हो जाएगी, तो चलिए कुछ basics को clear कर लिया जाए।
कुछ आवश्यक बातें
आसनों को लगाने से पहले कुछ आवश्यक बातें पहले ही समझ लें कुछ सावधानियां भी बरतें, ऐसी कुछ जानकारियां नीचे दिए गए points में है और उनको अच्छे से पढ़े बा अच्छे से समझ लें।
1). आसन हमेशा खाली पेट ही लगाने चाहिए,आसनों को भोजन के 3-4 घंटे बाद ही लगाने चाहिए। हां, कुछ आसनों को भोजन के पश्चात्(बाद) लगा सकते हैं, जिनमें पद्मासन(पदमासन) और वज्रासन आते हैं। पद्मासन को तो आप भोजन के बाद लगा सकते हैं और वज्रासन को भोजन के आधे घंटे बाद लगा सकते हैं, जिससे जठराग्नि की तीव्रता अधिक बढ़ जाती है और भोजन अच्छे से पचता है।
2). आसनों को हमेशा धीरे - धीरे ही लगाना लगाना शुरू करना चाहिए जबतक आपकी नस व नाड़ियां लचीली ना हो जाएं। शुरू शुरू में गलती से भी कठिन आसान जोर जबरदस्ती नहीं लगाने चाहिए, वरना लाभ की अपेक्षा हानि अधिक होने का खतरा रहता है। वरना जीवन का शीर्षासन हो जाएगा 😕 इसलिए जलदबजी ना ही करें।
3). योगासनो को कभी भी किसी वेग में नहीं करना चाहिए। मै आपको कुछ ही वेगों के बारे बताऊंगा। जैसे कि आपको अगर बहुत जोर से प्यास लग रही है तो अच्छा यही रहेगा की आप 2 -3 घूंट पानी पी कर 1/2 घंटे में आसन करें और अगर भूख का वेग अती तीव्र है तो सही यही रहेगा कि आप हलका भोजन करके 3 - 4 घंटे में ही आसन करें। दूसरे प्रकार का वेग समझ लेते हैं कि आपको अगर बहुत ज़्यादा गुस्सा आ रहा है या मन उदास है तो भी आपको कुछ समय मन शांत करके फिर एकाग्रता से आसन लगाने चाहिए। तीसरे प्रकार के वेग की अगर बात करें तो अगर आपको ज़ोर से 😅😂😂 सूसू आ रही हो या पोटी का प्रेशर हो तो भी आसन नहीं लगाने चाहिए, वरना हानि ही हानि है।
4). आसन हमेशा एकांत (अकेले) में ही लगाने चाहिए। उस जगह ज़्यादा शोर - गुल नहीं होना चाहिए। अगर आपको क्षणत स्थान नहीं मिलता तो कोई बात नहीं इतना तो चलता है यार। आसन लगाने समय अगर आप अपने इष्ट का ध्यान लगाएं या उनका जाप करके लगाएं तो अधिक लाभ होता है। और आपके शरीर में कोई भी पीड़ा(दर्द) हो तो भी आसन ना ही लगाएं।
2). आसनों को हमेशा धीरे - धीरे ही लगाना लगाना शुरू करना चाहिए जबतक आपकी नस व नाड़ियां लचीली ना हो जाएं। शुरू शुरू में गलती से भी कठिन आसान जोर जबरदस्ती नहीं लगाने चाहिए, वरना लाभ की अपेक्षा हानि अधिक होने का खतरा रहता है। वरना जीवन का शीर्षासन हो जाएगा 😕 इसलिए जलदबजी ना ही करें।
3). योगासनो को कभी भी किसी वेग में नहीं करना चाहिए। मै आपको कुछ ही वेगों के बारे बताऊंगा। जैसे कि आपको अगर बहुत जोर से प्यास लग रही है तो अच्छा यही रहेगा की आप 2 -3 घूंट पानी पी कर 1/2 घंटे में आसन करें और अगर भूख का वेग अती तीव्र है तो सही यही रहेगा कि आप हलका भोजन करके 3 - 4 घंटे में ही आसन करें। दूसरे प्रकार का वेग समझ लेते हैं कि आपको अगर बहुत ज़्यादा गुस्सा आ रहा है या मन उदास है तो भी आपको कुछ समय मन शांत करके फिर एकाग्रता से आसन लगाने चाहिए। तीसरे प्रकार के वेग की अगर बात करें तो अगर आपको ज़ोर से 😅😂😂 सूसू आ रही हो या पोटी का प्रेशर हो तो भी आसन नहीं लगाने चाहिए, वरना हानि ही हानि है।
4). आसन हमेशा एकांत (अकेले) में ही लगाने चाहिए। उस जगह ज़्यादा शोर - गुल नहीं होना चाहिए। अगर आपको क्षणत स्थान नहीं मिलता तो कोई बात नहीं इतना तो चलता है यार। आसन लगाने समय अगर आप अपने इष्ट का ध्यान लगाएं या उनका जाप करके लगाएं तो अधिक लाभ होता है। और आपके शरीर में कोई भी पीड़ा(दर्द) हो तो भी आसन ना ही लगाएं।
आसनों को आप घर के अंदर भी लगा सकते हैं।
Agar aapko is article se juda koi bhi sawal poochne hai toh comment krke bta skte hn aur koi sujhav bhi de skte hn.... 🙏🙏
0 टिप्पणियाँ