मयूरासन का अर्थ | Meaning of Mayurasana
मयूरासन /Mayurasana का नाम आकृतिमूलक है। क्योंकि जब साधक इस आसन को लगाता हैं तो उसका रूप मोर के समान प्रतीत होता है क्योंकि साधक के पैर मोर की पूंछ के पंखों के समान और उसके हाथ मोर के पैरो की तरह प्रतीत होते हैंं। इस आसन को अंग्रेजी में "peacock - pose" भी कहते हैंं।
मयूरासन के 9 अद्भुत लाभ|Benefits of Mayurasana -
- Digestion/पाचन क्रिया पर - इस आसन का मुख्य प्रभाव पेट पर पड़ता है जिससे जठराग्नि तीव्र होती है और पाचन संबंधी रोग जैसे, भूख कम लगना, कब्ज रहना, पेट साफ नहीं होना आदि रोगों का नाश होता है।
- पेट के सभी अंगों पर - इस आसन में कोहनियां से पेट पर अच्छा दवाब पड़ता है जिससे पेट के सभी अंगो में शुद्ध रक्त का संचार तीव्र हो जाता है। और पेट के सभी अंग रोगमुक्त हो जाते हैं।सकारात्मक दवाब के कारण आमाशय(stomach) और मलाशय(rectum) की कमजोरी दूर होती है।
- फेफड़ों के लिए वरदान - इस आसन में सीने पर अधिक दवाब के कारण पसलियां मजबूत होती हैं और फेफड़ों पर दवाब पड़ने से फेफड़ों में शुद्ध रक्त का संचार भरपूर मात्रा में होता है जिससे फेफड़े स्वस्थ व मजबूत होते हैं। श्वास के रोगों में यह आसन बहुत लाभ पहुंचाता है।
- Diabetes/मधुमेह - Mayurasana से pancreas पर स्वास्थ्यकारी दवाब पड़ता है, जिससे pancreas की कार्यप्रणाली पुनः सुचारू रूप से शुरू हो जाती है और insulin का स्राव स्वस्थ रूप से शुरू होने के कारण डायबिटीज जैसा असाध्य रोग भी नष्ट हो जाता है।
- चेहरे पर प्रभाव - इस आसन को करते समय सिर पर दवाब पड़ता है, जिससे मुख(चेहरा) पर रक्त संचार बढ़ जाता है जिससे मुख पर चमक बढ़ती है, तेज और लालिमा आने लगती है।
- मस्तिष्क पर प्रभाव - सिर पर दवाब के कारण मस्तिष्क में रक्त संचार अधिक होने से मस्तिष्क के विकास में वृद्धि होती है, बुद्धि के विकास में प्रबल सहायक होने की वजह से ,आपको अपने बच्चो को यह आसन बचपन से ही प्रतिदिन करवाना चाहिए। मस्तिष्क के विकास से मानसिक रोगों को नष्ट करने में यह आसन सहायता करता है
- नेत्र रोगों के लिए - यह आसन नेत्रों के विकारों में जैसे की, पानी बहना, जलन, धुंधला दिखना ,नजर कमजोर होना, रतौंधी और अनेक विकारों को नष्ट करने में भी सहायता करता है, नेत्रों में रक्त संचार अधिक होने से आंखो को चमक तीव्र होती है आंखें सुंदर होती हैं।
- शरीर का बल बढ़ने में सहायक - इस आसन को करने में काफी बल लगाना पड़ता है जिससे ये कलाई, हाथ, कमर, सीना, पीठ और पैरो को बलशाली बनाता है व शरीर को सुगठित और सुडौल (सुंदर) बनाता है।
- Obesity/ मोटापे के लिए - ये एक ऐसा आसन है जोकि मोटापे को जड़ से खत्म करने की क्षमता रखता है, इसका विधि पूर्वक नित्य - प्रतिदिन अपनी क्षमता के अनुसार अभ्यास करने से मोटापा जड़ से खत्म होना शुरू हो जाता है।
मयूरासन लगाने की विधि | Mayurasana steps
- सबसे पहले साफ हवादार जगह पर एक कम्बल बिछा लें और उसपे बैठ जाएं।
- अब mayurasana लगाने के लिए सबसे पहले पंजों पर उकड़ू लगाकर बैठ जाएं। और हथेलियों को सामने भूमि पर इस तरह घुमा कर रखें की उंगलिया पैरो की तरफ हो व उंगलियां एकदम फैला कर रखें।
- अब पेट को कोहनियों पर इस तरह रखें की आपकी नाभि दोनों कोहनियों के बीच में हो। अब पैरो पीछे करके सीधा कर लें और धरती पर पंजों के बल रखें।
- अब गहरी श्वास भरें और पेट कसके पैरो को उपर उठकर रीढ़ की सीध में करलें और शरीर का पूरा भार हथेलियों पर उठा साध लें। सिर और पैर हवा में करके संतुलन बना लें।
- सिर से लेकर पैर के पंजे एकदम सीधे रहने चाहिए , उनमें बिल्कुल भी ढीलापन नहीं होना चाहिए।
- अगर आपमें अधिक बल है तो आप सिर और छाती को आगे झुकऻकर पैरो को और उपर उठा सकते हैं।
मयूरासन/Mayurasana लगाने की अवधि(duration)
Mayurasana को शुरू शुरू में 5 सेकंड्स तक लगाना ही काफी है। जल्दबाजी ना करें, ज्यो-ज्यो आपको अभ्यास होता जाए ,अपनी क्षमता के अनुसार ही इसको लगाएं। जैसे-जैसे शक्ति बढ़ती जाए तब धीरे - धीरेे इसका समय बढ़ाते रहना चाहिए ।
इसका समय हर हफ्ते 10 सेकंड्स तक बढ़ाते जाएं और 6-8 हफ्तों में इसका समय एक मिनट तक लेजाना चाहिए।
मयूरासन में विशेष सावधानियां |Precautions in Mayurasana
- इस asana का अभ्यास खाली पेट ही करना चाहिए या भोजन करने के 3 घंटे बाद।
- अगर आपकी कुछ समय पहले से पेट की surgery या operation हुए है तो आप कम से कम 6 महीने तक इस आसन को ना लगाएं।
- Hernia के रोगी को इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- अगर आप उच्च रक्तचाप या हृदय रोग से पीड़ित है तो भी ये आसन नहीं लगाएं।
- अगर आपके सिर में फुंसिया ज्यादा हैं तो इसका अभ्यास कम ही करें।
- आँखो में दर्द हो तो भी यह आसन नहीं करना चाहिए।
- कंधे, कलाई, या हाथो में दर्द होने पर भी यह आसन ना लगाएं।
- अगर आपको glaucoma ( काला मोतियाबिंद) की शिकायत है तो यह आसन किसी योगाचार्य से परामर्श के बाद ही लगाएं।
- सिरदर्द के समय भी मयूरासन/Mayurasana लगाना वर्जित है।
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