पेट कम करने के लिए 10 रामबाण योगासन | Top 10 Yoga Poses to Reduce Belly Fat Efficiently
पेट की चर्बी कम करने के आसन |
आज हम एक ऐसी बीमारी का उपचार बताने जा रहे हैं जिससे आज की पीढ़ी अत्यधिक पीड़ित है, जी हां इस बीमारी का नाम है मोटापा (obesity) । आज हम "पेट कम करने के लिए योगासन" बताने जा रहे हैं अगर आप "मोटापा कम करने के उपाय" ढूंढ रहे हैं तो आप सही जगह हैं।
इस नए युग की जीवन शैली ही कुछ ऐसी है जिसका सर्वाधिक असर आपके पेट पर होता है, और परिणाम स्वरूप आपकी पाचन क्षमता घट जाती है।
अत्यधिक junk food और आलसी दिनचर्या का मोटापे में सबसे बड़ा योगदान है।
मोटापे से जुड़े कुछ तथ्य जो W.H.O. द्वारा बताए गए हैं -
- दुनिया भर में मोटापा 1975 से लगभग तीन गुना हो गया है।
- 2016 में, 1.9 बिलियन से अधिक वयस्क, 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के, अधिक वजन वाले थे। इनमें से 650 मिलियन से अधिक मोटे थे।
- 18 वर्ष और अधिक आयु के 39% वयस्क 2016 में अधिक वजन वाले थे, और 13% मोटे थे।
- दुनिया की अधिकांश आबादी उन देशों में रहती है जहाँ अधिक वजन और मोटापा कम वजन के लोगों की तुलना में अधिक मारता है।
- 5 साल से कम उम्र के 38 मिलियन बच्चे 2019 में अधिक वजन वाले या मोटे थे।
- 5-19 आयु वर्ग के 340 मिलियन से अधिक बच्चे और किशोर 2016 में अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त थे।
- मोटापा रोकने योग्य है।
पेट की चर्बी कम करने के लिए कौनसा योग करना चाहिए ?
वैदिक जंक्शन में आज हम आपको " पेट की चर्बी कम करने के योगासन" बताने जा रहे है। जिनके नियमित अभ्यास से आप कुछ ही समय में अपने शरीर में एक नई सी ऊर्जा का संचार महसूस करेंगे। हमारे बताए 10 आसान अगर आप नियमबद्ध तरीके से करेंगे तो आपका लगभग 6 से 8 महीनो में आपका शरीर सुंदर व सुगठित होने लग जाएगा।
हम आपको झूठी आशा नहीं देंगे अन्य स्रोतों की तरह की इससे आपका वजन एक हफ्ते या एक महीने में कम हो जाएगा। क्योंकि सबके शरीर की अपनी अलग-अलग प्रकृति होती है। तो वजन कम होने का समय आपकी प्रकृति पर भी निर्भर करता है।
परंतु अगर आप हल्का भोजन (सुपाच्य) और एकदम नियमबद्ध होकर प्रतिदिन इन आसनों का अभ्यास करेंगे तो आपको आशातीत परिणाम मिलने लगेंगे।
तो चलिए अब पेट कम करने के आसनों की विधि विस्तार पूर्वक अच्छे से समझते हैं। लेकिन उससे पहले आप योगासनों के नियम अवश्य पढ़ने के लिए (यहां क्लिक करें)
हमारी सूची में हम 10 ऐसे रामबाण आसन बताने जा रहे हैं जो की मेद (चर्बी) का नाश करने में किसी भी उम्र के मनुष्य के लिए कारगर हैं -
- बद्ध पद्मासन + उड्डयान बंध
- वज्रासन
- पश्चिमोत्तानासन + उड्डयान बंध
- धनुरासन
- सर्वांगासन
- हलासन
- चक्रासन
- शलभासन
- संकटासन
- मयूरासन
चलिए अब step by step पेट की चर्बी कम करने के लिए योगासनों को करने की विधि बताते हैं -
1.) बद्ध पद्मासन +उड्डयऻन बंध -
बद्ध पद्मासन|Baddha-padmasana करने की विधि
- सबसे पहले पद्मासन की स्तिथि में आ जाइए।
- अब दोनों हाथो को पीछे से मोड़कर सीधे हाथ से सीधे पैर का अंगूठा और उल्टे हाथ से उल्टे पैर का अंगूठा पकड़िए, फिर ठुड्डी को कंठकूप( गले का निचला भाग जहां पे पसली का ज्वाइंट होता है) से लगाइए।
- इस स्थिति मै 1 से 3 मिनट तक रह सकते हैं, शुरू शुरू के 10-10 सेकेंड तक लगाइए।
- जैसे जैसे अभ्यास होता जाए तो धीरे धीरे समय बढाते जाएं।
2.) वज्रासन | Vajrasana
वज्रासन |
वज्रासन लगाने की विधि | Vajrasana steps -
- सबसे पहले सामने की ओर पैर सीधे करके बैठ जाएं।
- अब घुटनों को मोड़कर पैरों के उपर बैठ जाएं।
- दोनों पैरों की एडियां आपस में सटी रहनी चाहिए (शुरू शुरू में दिक्कत होती है तो ऐडियां कूल्हों से बगल में भी रख सकते हैं।)
- दोनों तलव नितम्बों के नीचे दबी होने चाहिए और रीढ़ की हड्डी और सिर एकदम सीधी रखे होनी चाहिए।
- अब सीना तानिये और हाथों को एकदम सीधा करें कोहनियां बिल्कुल भी मुड़नी नहीं चाहिए, हथेलियों को घुंटो पर रखें और उंगलियां एक दूसरे से सटी होनी चाहिए।
- अब आँख बन्द करके दृष्टी को नासाग्र ( नाक की नोक) या भौंहों के बीच में स्थापित करें तो अच्छा रहेगा। मन में अपने इष्ट का ध्यान कीजिए।
- स्वाभाविक रूप से सांस लेते रहिए, धीमी और गहरी सांस लेते रहें।
- आसन लगाने के बाद आराम से शवासन लगा कर लेट जाइए।
वज्रासन के लाभ और सावधानियां पढ़ने के लिए (यहां Click करें)
3.) पश्चिमोत्तानासन | Pashchimottanasana
पश्चिमोत्तानासन |
पश्चिमोत्तानासन करने के विधि -
- सबसे पहले पृथ्वी पर पीठ के बल लेट जाइए।
- अब दोनों हाथो को कानों को से सटाते हुए सिर की सीध में सीधा कर लीजिए।
- Pashchimottanasana में दोनों पैर बिल्कुल सीधे और एक दूसरे से सटे हुए होने चाहिए। पैर के अंगूठे आसमान की ओर तने हुए होने चाहिए।
- अब दोनों हाथो को कानों से सटा कर धड ( कमर के उपर का हिस्सा ) समेत धीरे धीरे उठईये।
- अब आगे की ओर झुकते हुए सांस को पूरा बाहर निकाल दीजिए और हाथो की उंगलियों से पैरो के अंगूठों को पकड़िए। अब मन पर जोर देकर पेट के निचले हिस्से को अंदर की तरफ खीचिये या पीठ से चिपकाने का प्रयास कीजिए और गुदा द्वार (anus) अंदर की ओर खीचिए। जितनी देर तक सांस को आसानी से रोक कर ये के सकते हैं उतनी देर तक करिए।
- उसके बाद धीरे धीरे सांस को लेते हुए पहली स्तिथि में आ जाइए और पृथ्वी पर लेट जाइए। इसके बाद 5-7 सेकेंड तक आराम करके पुनः इस आसन को करें।
- शुरू शुरू में pashchimottanasana को करने के लिए आपको सांस रोकने या गुदा संकोच करने की आवश्यकता नहीं है। और अगर आप अंगूठा नहीं छू पाते तो निराश मत होइए बस 3-4 सप्ताह तक प्रतिदिन इसका अभ्यास कीजिए अपने आप होने लग जाएगा
पश्चिमोत्तानासन के संपूर्ण ज्ञान , लाभ और सावधानियों को (यहां Click करके पढ़ें)
4.) धनुरासन | Dhanurasana
धनुरासन |
धनुरासन करने की विधि -
- सबसे पहले उलटे लेट जाइए पेट के बल और चित्त को स्थिर करने का प्रयास करें।
- ध्यान रहे कि आपके हाथ एकदम सीधे रहें और कमर से चिपके रहें , पैर भी एकदम सीधे ऐड़ी से ऐड़ी चिपकी रहे।
- अब दोनो हाथो से अपने टकनो को पकड़ें और गहरी सांस भरते हुए सिर ,गर्दन ,सीने को आगे ऊपर की तरफ उठाएं और दोनो पैरों को खींचे और ऊपर उठाएं ( ध्यान रखें कि दोनो घुटने आपस में चिपके रहें और कोहनी एकदम सीधी रहे और दृष्टि को सामने या थोड़ा ऊपर एकाग्र रखें)।
- प्रयास करें की नाभी का हिस्सा ही भूमि पर हो, सिर से लेकर पैरों तक धनुष की आकृति बनाएं।
- सिर और पैर दोनो समान ऊंचाई तक उठने का प्रयास करें जितना संभव हो सकते उतना ही।
- जितनी देर तक सांस को अंदर रोके रख सकते हैं उतनी देर तक प्रयास करें।
- अब सांस छोड़ते हुए धीरे धीरे पैरों को वापिस नीचे ले आएं और गर्दन को भी नीचे लाकर माथा भूमि से टेक लें।
धनुरासन के विशेष गुण और संपूर्ण लाभ एवं सावधानियां पढ़ने के लिए (यहां Click karein)
5.) सर्वांगासन | Sarvangasana
सर्वांगासन |
सर्वांगासन करने की विधि -
- Step -1
- सबसे पहले पीठ के बल एकदम सीधे लेट जाइए
- अब धीरे धीरे सांस भरते हुए दोनो टांगो को ऊपर उठाइए। अगर ऐसे कठिन लगे तो एक एक करके परों को उठाइए ।
- अब पैरों को एकदम सीधे आसमान की तरफ करलें की 90° का angle बनाएं।
- इसी स्तिथि में 4-5 सेकंड्स तक रुकिए और यहां आप एक बार सांस छोड़ कर फिर से गहरी सांस भर लें।
सर्वांगासन जैसे विशेष आसन के बारे में संपूर्ण जानकारी के लिए (यहां Click करें).
- Step - 2
- अब एकदम धीरे - धीरे पैरों को कमर के साथ पूरा ऊपर तक ले जाएं की सीना ठुड्ढी को छूने लगे , और कोहनियों को भूमि पर टिका कर हथेलियों को पीठ पर लगा लें जिससे शरीर को सहारा मिले।
- पूरा शरीर सीने से लेकर पैर के अंगूठे तक एक सीध में रहे बस सिर, गर्दन और कोहनियां ही भूमि पर हों। अपनी दृष्टि को नासाग्र ( नाक के आगे के हिस्से) पर या पैरों के अंगूठे पर एकाग्र कर लें।
- इसी स्तिथि के जितनी देर तक आप आसानी से सांस को रोके रख सकते हैं उतनी देर तक रहिये। शरीर के बल के अनुसार उतना ही करिये।
- अब धीरे धीरे सांस छोड़ते हुए वापिस कमर को भूमि पर ले आइए, और हाथों को सीधा करके हथेली को भूमि पर रख लें (जैसा कि step-2 में है) ,इस अवस्था में भी 3-4 सेकंड्स तक रुकिए।
- अब बिल्कुल धीरे धीरे पूरी सांस को छोड़ते हुए पैरों को भूमि पर ले आइए एकसाथ या एक - एक करके।
- पैरों को नीचे लाने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए ,इससे कमर में मोच या नस चढ़ने का भय रहता है जो की अत्यधिक खतरनाक है।
6.) हलासन | Halasana
हलासन |
हलासन करने की विधि -
- सबसे पहले सर्वांगासन की स्तिथि में आ जाइए, अब सांस को पूरी तरह से बाहर निकालते हुए ,पैरों को धीरे धीरे आगे लेते जाएं और पैर के अंगूठों को सिर के पीछे भूमि पर टिका लें।
- ध्यान रहे की घुटने बिलकुल भी मुड़े नहीं, पैर एकदम तने हुए रहने चाहिए।
- इस समय आप अपनी हथेलियों को भूमि पर सीधा भी रख सकते हैं और कमर पर भी रख सकते हैं, जिसमे आपको अधिक सुविधा हो वैसे ही रख लें।
- जितनी देर आप सरलता से इस स्तिथि में रह सकते हैं उतनी देर रहें।
- अब धीरे धीरे सांस भरते हुए पैरों को पुनः ऊपर उठाते जाइए और वापिस सर्वांगासन की स्तिथि में आ जाइए और धीरे धीरे पीठ को भूमि पर ले आएं फिर पैरों को भी नीचे ले आइए। ( ये क्रिया बिल्कुल भी जल्दबाजी में नहीं करें)
- अब एकदम सीधे लेट जाइए शवासन की स्तिथि में 1 मिनट तक विश्राम कीजिए, जिससे पूरे शरीर में शुद्ध रक्त का बहाव अच्छे से हो।
- ऐसे एक हलासन का एक चक्र पूरा होगा। ऐसे ही ऐसे ही इस आसन को 1-1 मिनट आराम करके 3-4 बार तक लगाइए।अब सांस को पूरी तरह से बाहर निकालते हुए ,पैरों को धीरे धीरे आगे लेते जाएं और पैर के अंगूठों को सिर के पीछे भूमि पर टिका लें।
- ध्यान रहे की घुटने बिलकुल भी मुड़े नहीं, पैर एकदम तने हुए रहने चाहिए।
- इस समय आप अपनी हथेलियों को भूमि पर सीधा भी रख सकते हैं और कमर पर भी रख सकते हैं, जिसमे आपको अधिक सुविधा हो वैसे ही रख लें।
- जितनी देर आप सरलता से इस स्तिथि में रह सकते हैं उतनी देर रहें।
- अब धीरे धीरे सांस भरते हुए पैरों को पुनः ऊपर उठाते जाइए और वापिस सर्वांगासन की स्तिथि में आ जाइए और धीरे धीरे पीठ को भूमि पर ले आएं फिर पैरों को भी नीचे ले आइए। ( ये क्रिया बिल्कुल भी जल्दबाजी में नहीं करें)
- अब एकदम सीधे लेट जाइए शवासन की स्तिथि में 1 मिनट तक विश्राम कीजिए, जिससे पूरे शरीर में शुद्ध रक्त का बहाव अच्छे से हो।
- ऐसे एक हलासन का एक चक्र पूरा होगा। ऐसे ही ऐसे ही इस आसन को 1-1 मिनट आराम करके 3-4 बार तक लगाइए।
हलासन की सावधानियां पढ़ने के लिए (यहां Click करें)
7.) चक्रासन | Chakrasana
चक्रासन |
चक्रासन लगाने की विधि -
- चक्रासन लगाने के लिए सब से पहले हमे धरती पर कंबल बिछाकर खुल कर लेट जाना चाहिए।
- अब अपने हाथो को ऊपर से मोड़ते हुए हथेलियों को आप अपने कंधो के ऊपर ले जाईये तथा कानों के बगल में रखिए (अगर आप beginner हो तो आप हथेलियों को थोड़ा दूर अर्थात कंधो से दूर रख सकते हैं शरीर की सिद्ध में और हथेलियों और कंधो में बीच में 10 इंच तक का gap रख सकते हो)।
- आब आप अपने दोनो घुटनों को मोड लीजिए तथा आपनी ऐड़ियों को आप नितम्बो(hips) से छू कर रखे( शुरू के दिनो मे अगर ऐसे कठिन लगे तो ap ऐड़ियों को थोड़ा नीच भी रख सकते है ,कूल्हों से लगभग 10 इंच नीचे)।
- अब आप अपना तलवे और हथेलियों को ज़मीन पर जमा कर रखे और बाकी बाकी पूरे शरीर को धीरे-धीरे ऊपर हवा में उठाए और आपका सर आपके दानो हाथो के बीच तना हुआ होना चाहिए। (लेकिन अगर आप bignner हो तो आपको अपने शरीर के साथ बिना जबरदस्ती करे तथा बिना जोर दिए हुए अपने शरीर को उतना ही उठानेका प्रयास करे जितना वो आसानी से उठ सके)।
- हमे इस आसन की स्थति में अपने शरीर के बल और अभ्यास के अनुसार ही रहना चाहिए इस आसन में आप 20 सेकंड से 3 मिनट तक रह सकते हो ।
- जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया है कि अगर आपने यह आसन अभी लगाना शुरु किया है या अब आप शुरुआत करना चाहते हो तो आप धीरे धीरे ही अपने आसन का समय २० सेकंड से आगे बढ़ाने का प्रयास करे अगर आप एकदम से समय बढ़ा देंगे तो ये आपके शरीर के लिए आपकी मासपेशियों के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है।
- जब आपके आसन का समय पूरा हो जाए तो आप धीरे धीरे नीचे आ जाओ और लेट जाओ तथा आधा मिनट आप अपने शरीर को आराम दें। और जब आपके विश्राम का समय पूरा होने के बाद अर्थात आधा मिनट होने के बाद आप फिर से अपना यह आसन लगा सकते हो ।
- इस आसन 3 से पांच बार किया जा सकता है याद रहे की आसान की संख्या और समय आप धीरे धीरे ही बढ़ाए इसमें आप अपनी सांस का लेना छोड़ना सामान्य रूप से रख सकते हो ।
8.) शलभासन|Shalbhasana
शलभासन |
शलभासन लगाने की विधि -
शलभासन लगाने से पहले अपनी सुविधा अनुसार भूंमि पर एक कंबल या दरी बिछा ले।
- सबसे पहले आप बिल्कुल उल्टे लेट जाए पेट के बल तथा अपने शरीर को बिल्कुल सीधा रखे सिर से पैर तक सारे अंग दंडवत सीधे रहे।
- अब आप अपनें हाथों को नीचे की तरफ एकदम सीधा रखते हुए हथेलियों को भूमि पर जमा कर रख लें और पैरो के पंजों को एकदम सीधा करके तलवों को ऊपर की तरफ आसमंबकी ओर रखे और नाखून वाले(पंजे के ऊपरी) भाग को कंबल पर एकदम सीधा और चिपका कर रखें और ये आपको भूलना नहीं है।
- अब आप सीने में एक लंबी और गहरी सांस भरिये और अपना सारा वजन अपने सीने, हाथों और हथेलियों पर डालते हुए अपने पैरो को धीरे-धीरे हवा में उठाएं और ऐसा करते समय आपकी दोनो पैर की जांघें, घुटने, पिंडलियां और अंगूठे एकदुसरे से बिल्कुल मिले (चिपके) हुए रहने चाहिए। ऐसा करते समय मतलब आसान लगाते हुए आपका कमर तक का कुछ भाग भी ऊपर उठ जाना चाहिए।
- अब आप अपनी सुविधा अनुसार जब तक सांस रोक कर रह सकते है तब तक आपको इसी स्तिथि में आसन में रहना है जब आपको लगे कि आप इतनी ही सांस रोक सकते हो तो अपने पैरो को धीरे धीरे नीचे लाते हुए सांस भी बाहर छोड़ते जाइये।
9.) संकटासन | Sankatasana
संकटासन |
संकटासन लगाने की विधि -
संकटासन को हमें बारी-बारी दोनो पैरों पर एक खास मुद्रा में खड़े होकर लगाना होता है ,इस आसन को दोनो पैरों के लिए 2 चरणों में लगाएंगे। और दोनो पैरों से बराबर समय के लिए लगाना है।
- चरण -1
- यह आसन लगने के लिए सबसे पहले हमे बिल्कुल सीधा खड़ा होना है तथा
- सिर, ग्रीवा अर्थात गर्दन तथा मेरुदंड एक सीध में रहने चाहिए।
- अब हमे सीधा खड़े रहते हुए अपने बाएं( left ) पैर को उठाकर दाएं( right) पैर पर सांप की तरह लपेट कर तथा अपने हाथो की हथेलियों को अच्छे से पूरी तरह मिला कर सामने की ओर अधिकाधिक तानिए।
- अबl हमें अपने दाहिने घुटने को मोड़कर उस पर ही अपने पूर्ण शरीर का भार डालते हुए हमे जिस प्रकार कुर्सी पर बैठते है उस प्रकार की मुद्रा में बैठना है। अब हमको इसी मुद्रा में खुद को साधे रखना है।
- याद रखने योग्य बातें कुछ इस प्रकार है की जब हम इस आसन की मुद्रा में हो तब हमे अपने हाथो को सामने की ओर सीधा करते में खूब खिचांव रखना चाहिए।
- ध्यान रहे की हमारे घुटने को मोड कर 120° से 90° में ही रहे इस बात विशेष ध्यान रखना है। तथा सिर, ग्रीव ( गर्दन ) , मेरुदंड और कमर समरेखा में सीधे रखना परमआवश्यक है ।
- अब हमें वापस उस अवस्था में आना है जिसमे हम आसन लगाने से पहले थे अर्थात अब हमे सीधे खड़े हो जाना है तथा कुछ सेकेंड का विश्राम करना है।
- चरण-2
- अब अपने बाएं(left) पैर को सीधा रखते हुए उसपर पूरे शरीर का संतुलन बनाते हुए अपने दाएं(राइट) पैर को अपने बाएं पैर पर सर्प की भाती लपेटना है( जिस प्रकार हमने पहले अपने किया था दायें पैर के साथ)।
- हाथो को एकदुक सीधा करते हुए सामने की ओर हथेलियों को परस्पर मिलाइए नमस्कार की मुद्रा में और उन्हे सामने की ओर अधिकाधिक तानिए, उसी प्रकार जिस प्रकार हमने पहले किया था।
- अब हमे अपने बाएं पैर के घुटने को मोडिय और उस पैर पर ही अपने पूरे शरीर का भार डालते हुए हमे कुर्सी पर पैर लटकाए बैठे हुए जैसी मुद्रा में समकोण बनाते हुए बैठना है बिल्कुल उसी प्रकार जिस प्रकार हमने अपने दाये पैर को किया था।
- ध्यान रखने हेतु परमावश्यक बात इसमें ये है कि इस बार हमे बाए पैर की मुद्रा में उतनी ही देर बैठना है जितनी आप दाये पैर की मुद्रा बनाकर बैठे थे समय का संतुलन बनाए रखना संकटासन/sankatasana में अत्यधिक आवश्यक होता हैं तो आप आसन लगाते समय अपने पास एक घड़ी रख ले।
10.) मयूरासन | Mayurasana
मयूरासन |
मयूरासन लगाने की विधि -
पेट कम करने के योगासनों में आखिरी आसान mayurasana है -
- सबसे पहले साफ हवादार जगह पर एक कम्बल बिछा लें और उसपे बैठ जाएं।
- अब mayurasana लगाने के लिए सबसे पहले पंजों पर उकड़ू लगाकर बैठ जाएं। और हथेलियों को सामने भूमि पर इस तरह घुमा कर रखें की उंगलिया पैरो की तरफ हो व उंगलियां एकदम फैला कर रखें।
- अब पेट को कोहनियों पर इस तरह रखें की आपकी नाभि दोनों कोहनियों के बीच में हो। अब पैरो पीछे करके सीधा कर लें और धरती पर पंजों के बल रखें।
- अब गहरी श्वास भरें और पेट कसके पैरो को उपर उठकर रीढ़ की सीध में करलें और शरीर का पूरा भार हथेलियों पर उठा साध लें। सिर और पैर हवा में करके संतुलन बना लें।
- सिर से लेकर पैर के पंजे एकदम सीधे रहने चाहिए , उनमें बिल्कुल भी ढीलापन नहीं होना चाहिए।
- अगर आपमें अधिक बल है तो आप सिर और छाती को आगे झुकऻकर पैरो को और उपर उठा सकते हैं।
मयूरासन के लाभ पढ़ने के लिए (यहां Click करें).
सभी आसनों को लगाने की अवधि (Duration)
अब आप सभी आसनों को करने की विधि को भली प्रकार से समझ चुके होंगे ,तो अब हम आपको एक पूरा workout plan बनाकर नीचे दे रहे हैं -
सारे आसनों को मिलाकर लगभग 1 से 1½ घंटा लगेगा। जिसमे हम प्रत्येक आसन की प्रत्येक बारी में निम्नलिखित निर्धारित समय तक विश्राम करते हुए सभी आसनों का अभ्यास करेंगे। और इनमे हानि नहीं होगी क्योंकि हमे धीरे धीरे ही सारे आसन करने हैं।
1.) बद्ध पद्मासन + उड्डयान बंध
- 30 सेकंड से 1 मिनट तक × 5 बार 10-10 सेकंड के gap में
2.) वज्रासन
- 2 मिनट तक × 5 बार 20-20 सेकंड के gap में
3.) पश्चिमोत्तानासन + उड्डयान बंध
- 10 से 30 सेकंड तक × 5 बार 10-10 सेकंड के gap में
4.) धनुरासन
- 10 से 30 सेकंड तक × 5 बार 10-10 सेकंड के gap में
5.) सर्वांगासन
- 1 मिनट से 2 मिनट तक × 5 बार 20-20 सेकंड के gap में
6.) हलासन
- 10 सेकंड से 30 सेकंड तक × 6 बार 10-20 सेकंड के gap में
7.) चक्रासन
- 20 सेकंड से 40 सेकंड तक × 4 बार 10-15 सेकंड के gap में
8.) शलभासन
- 30 सेकंड से 40 सेकंड तक × 5 बार 10-15 सेकंड के gap में
9.) संकटासन
- 1 मिनट तक × 5 बार 30 - 50 सेकंड के gap में
10.)मयूरासन
10 सेकंड से 30 सेकंड तक × 3 बार 20-20 सेकंड के gap में
और अब अंत में 10 मिनट तक शवासन कीजिए।
पेट कम करने के आसनों के लिए कुछ नियम -
- इनको बस सुबह सुबह खाली पेट ही करें।
- हर एक आसन की हर एक बारी के बीच में 10 से 30 सेकंड्स तक विश्राम अवश्य करें, जबतक सांस फूलना बंद न हो जाए।
- आप अपने सामर्थ्य के हिसाब से इन सभी आसनों को कम या ज्यादा देर तक लगा सकते हैं।
- सभी आसनों के अभ्यास के बाद अंत में शवासन लगाना परम आवश्यक है।
- सभी आसनों के अभ्यास के 1 घंटे बाद ही कुछ खाएं।
इस आसन व्यायामों को करने की कुछ विशेष सावधानियां
- भोजन के 3 घंटे से बाद तक इन आसनों का अभ्यास कतई न करें।
- किसी भी आसान को लगाने में जलबाजी करना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है , कृपया धैर्य पूर्वक जी अभ्यास करें अन्यथा हानि होने की संभावना अधिक है।
- जिनको हर्निया हो वे लोग धनुरासन का अभ्यास बिलकुल भी न करें।
- जिनको स्लिप डिस्क या सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस हो वे इन आसनों का अभ्यास बिलकुल भी न करें।
- जिनका पिछले 6 महीने के अंदर ऑपरेशन हुआ हो, वे लोग भी इन आसनों का अभ्यास बिलकुल भी न करें।
- जिनको कोई कठिन रोग हो वे अपने डॉक्टर और किसी योग्य योगाचार्य के परामर्श के बाद ही इन आसनों का अभ्यास करें।
Beginners के लिए मेरा सुझाव -
- अगर आप बिलकुल पहली बार इन आसनों का अभ्यास करने जा रहे हैं तो पहले एक हफ्ते तक आप सिर्फ 1-2 बार तक ही हर एक आसन का अभ्यास करें।
- आसनों को करने से पहले किसी सहयोगी को बगल में अवश्य खड़ा कर लें।
- जितनी देर आपसे सरलता से सांस रोक जाए उतनी ही देर तक किसी भी आसान को लगाएं।
Conclusion
अगर आप हमारी बताई हुई विधि से इन सभी आसनों का अभ्यास नित्य प्रतिदिन 6 से 8 महीनों तक करेंगे तो अवश्य ही आपको आपके मन के अनुरूप परिणाम अवश्य मिल जाएगा।
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